ज्ञानशाला दिवस : मनाया नाथद्वारा

प्रवासी एकता न्यूज़:- रोहित चौधरी 9660317316

आचार्य श्री महाश्रमण जी की  आज्ञानुवर्ती साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ठाणा-4  के सान्निध्य में आयोजित हुआ। ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। ज्ञानार्थियों ने ज्ञानशाला गीत के द्वारा मंगलाचरण किया। साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ने फरमाया संस्कार आनुवांशिक होते हैं। कुछ अपने परिवार जैसे माता-पिता दादा-दादी आदि से मिलते हैं कुछ जन्मजात संस्कार भी होते हैं ज्ञानशाला संस्कारशाला होती है।

मां सबसे पहली पाठशाला होती है जीवन उपहार के रूप में मिला है। सही मूल्यांकन नहीं कर पाए तो बांस के टुकड़े के समान और सही मूल्यांकन कर लिया तो बांसुरी के समान बनोगे। साध्वी श्री जी ने प्रशिक्षक और ज्ञानार्थियों के जन्मदिन पर उन्हें क्रोध आने पर पांच बार नमस्कार महामंत्र बोलने का संकल्प कराया तथा ज्ञानार्थियों को एक सप्ताह के लिए नूडल्स का त्याग करवाया।

साध्वी श्री मंदार प्रभा जी ने कहा ज्ञानशाला के द्वारा संस्कार शिविर का आयोजन भाभी पीढ़ी को संस्कारी बनाना भावी पीढ़ी का चिंतन भविष्य का चिंतन होता है। जो बच्चों को संस्कारित करने के लिए कार्यक्रम देता है उसे समाज का भविष्य उज्जवल होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सकल जैन समाज के अध्यक्ष श्रीमान ईश्वर सिंह सामोता ने ज्ञानशाला को आशीर्वचन प्रदान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता  तेरापंथ सभा के अध्यक्ष श्रीमान निर्मल छाजेड़ ने ज्ञानशाला के लिए अपने विचार प्रस्तुत कीए। वरिष्ठ प्रशिक्षिका श्रीमती पुष्पा तलेसरा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने अपने भावों की प्रस्तुति गीतिका के माध्यम से दी। ज्ञानशाला दिवस पर ज्ञानशाला के प्रशिक्षक एवं बच्चों का जन्मदिन जैन विधि द्वारा मनाया गया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा लघु नाटिका वॉइस ऑफ अहिंसा द्वारा रोचक प्रस्तुति दी गई।

ज्ञानशाला के नन्हे मुन्ने ज्ञानार्थियों गुर्वि जैन, आरुष तलेसरा, मिष्टी कोठारी, सृष्टि बापना ने अपनी छोटी-छोटी प्रस्तुतियां देकर वहा उपस्थित धर्म सभा का मन मोह लिया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी द्वारा की गई पेंटिंग, नियमित शनिवारीय सामायिक तथा नियमित ज्ञानशाला समय पर और गणवेश में आने वाले ज्ञानार्थी एवं प्रशिक्षक को सम्मानित किया गया। प्रशिक्षक परीक्षा के सर्टिफिकेट दिए गए। कार्यक्रम का आभार श्रीमती रेखा बापना ने किया। कार्यक्रम का संचालन नीता तलेसरा ने किया। इसकी जानकारी श्रीमती नीता तलेसरा ने दी।

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