प्रवासी एकता न्यूज़:- रोहित चौधरी 9660317316
तेरापंथ धर्मसंघ के 159वां मर्यादा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम साध्वीश्री मधुस्मिताजी एवं साध्वीश्री त्रिशलाकुमारीजी के सानिध्य में महावीर भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री जी द्वारा रचित भीखण जी स्वामी भारी मर्यादा बांधी संघ में गीत से हुआ। सभा के अध्यक्ष कौशिक सुराणा एवं महिला मंडल की अध्यक्ष अनामिका धोका ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।

युवक परिषद के मंत्री अंकुर लुणिया ने अपने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल एवं ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं की संयुक्त प्रस्तुति ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों ने समधुर गीतिका से सभी को भाव विभोर कर दिया। साध्वी श्री सहजयशा जी ने दीक्षा की रजत जयंती के शुभारंभ पर रोचक स्मरणों को अभिव्यक्ति देते हुए सभी साध्वीयौं के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की।

साध्वी श्री रश्मिप्रभा जी की गीतिका ने सभी को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था साध्वियों द्वारा सामूहिक गीत की प्रस्तुति। साध्वी श्री त्रिशलाकुमारी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक विकासशील, मर्यादित, अनुशासित धर्मसंघ है। इस धर्म की एक विशिष्ट पहचान ने एक गुरु और एक विधान। इस धर्मसंघ का प्राण तत्व मर्यादा और अनुशासन।

साध्वी श्री मधुस्मिता जी ने परिषद को संबोधित करते हुए सारगर्भित विचारों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा जीवन में मर्यादा रूप सारथी है तब तक कल्याण का पथ प्रशस्त होता रहेगा। मर्यादा का अर्थ है विकास और अतिक्रमण का अर्थ है विनाश, तेरापंथ धर्मसंघ बेजोड़ धर्मसंघ है। तेरापंथ धर्मसंघ मर्यादित, व्यवस्थित एवं प्राणवान धर्मसंघ है। यहां अनुशासित व्यक्ति मंदिर के दीपक की तरह पूजा जाता है।

तेरापंथ धर्मसंघ में संगठन की चिरजीविता का सदृढ आधार है -सेवा। सेवा से संघ की सुषमा बढ़ती है शोभा बढ़ती है। ज्ञानशाला की प्रशिक्षका श्रीमती मुक्ता दूगड़ ने डॉक्टरों का सुंदर परिचय प्रस्तुत किया व डॉक्टर को सम्मानित करने का आह्वान किया। डॉ श्री श्रेयस रुणवाल एवं श्रीमती श्रद्धा गादिया को सभा की ओर से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का सुंदर व संचालन साध्वी श्री कल्पयशा जी ने किया। इस कार्यक्रम में हैदराबाद, बीड़ जालना, परभणी सिल्लोड लोणार क्षेत्रों से उपस्थिति रही। समस्त धर्म परिषद ने संघगान से महावीर भवन गुंजायमान हो गया। साध्वीवृंद के मंगलपाठ से कार्यक्रम का समापन हुआ।